गद्य पद्य संगम

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सोमवार, 20 अप्रैल 2015

ईश्वर,गुरु और आत्मा (कविता )

ईश्वर भाग्य विधाता ही नहीं बल्कि,
इस सृष्टि के पालनकर्ता, रचनाकार हैं।
सूक्ष्म से लेकर विशालकाय जीवों में,
आत्मा रूप अंश को देते आकार है।


इन छोटे बड़े जीवों को आदि से ही,
सीखने-सीखाने का गुरु देते हैं प्रकार।
नैतिकता की बातें सीखकर ये लोग,
कर लेते हैं अपने जीवन को साकार।


जब प्रार्थना करने से मिल जाता है ज्ञान,
आत्मा के रास्ते मन में बना लेता है आकार।
जब ईश्वर प्रार्थना के जरिए ही आत्मा से,
कर लेता है मिलन हो जाते हैं एक प्रकार ।
----------रमेश कुमार सिंह ♌

मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

उदासीनता (कविता)


मनुष्य के,
उदासीनता का  मुख्य कारण
आदर्शवाद का अभावग्रस्त
अर्थहीन जीवन का होना प्रतीत
प्रतिस्पर्धा भरे संसार में भयभीत
उदासीनता इन्हें तब आती है
जब समस्या से निपट नहीं पाते हैं
आक्रामकता उदासिनता का,
प्रतिरोधक  होकर जब,
कोई हद को पार करता है।
तब वापस उदासीनता में ले जाता है।
इन्हें जरूरत है प्रेरणा की,
ऊर्जावान आध्यात्मिक ज्ञान की,
आजके संसार को भली-भांति जानने की,
अर्थहीन जीवन के भ्रम को हटाने की,
नहीं तो मनुज पर छाये रह जाती है।
बदलीं  की तरह उदासीनता।
-----------रमेश कुमार सिंह