गद्य पद्य संगम

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बुधवार, 11 मार्च 2015

सुबह सुबह

अरूणोदय के समय में,
सुनहरे तीर  बरसाते।
किरण  में अन्तर्निहित हुए,
विखरने लगा धरातल पें।
जाग गई सभी वनस्पतिया ,
जाग गई सब मानवता।
चहचहाने लगी सब चिड़ियाँ।
लिए भाव कोमल विखेरता।
---------रमेश कुमार सिंह

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